Considerations To Know About sidh kunjika
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सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिंकुरुष्व मे।।
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
एडवर्टाइज विथ असप्राइवेसी पॉलिसीकॉन्टैक्ट अससेंड फीडबैकअबाउट असकरियर्स थीम
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देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
विच्चे चा ऽभयदा नित्यं, नमस्ते मन्त्ररूपिणि।।
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिनि ।